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अबोली
वो तेरा सिमटना सकुचाना कभी हाथों को छूना कभी ठोकर लगा जाना पलकों को झुकाकर
दिल को छू जाना
बंद होठो से इकरार कर
मुझको तडपाना
यही अदा जो मुझे सताएगी;
न तुमने दिया नाम ना मैंने पूछा रिश्ता;
लेकिन मै जनता हूँ तू न मिल पायेगी;
फ़िर भी तू हर लम्हा याद आयेगी;
मै इन्तजार में हु तेरे;
तू जब आएगी;
कहीं इश आश में;
उमर न गुजर जाए -;
लेकिन प्यार अँधा है;
अबोली बता तू कब आएगी !
तू कब आएगी
ऐ मेरी अनजान अबोली;
तू कब आएगी
पलकें बिछाए इन्तजार में;
जिंदगी की लम्बी आग में ;
मै ठहर गया चौराहे पर -
की शायाद तू आए और कहे;
लो मै आ गई ;
बाता तू कब आएगी ;
मै इन्जार में हु तेरे ;
तू जब आएगी ;
ऐ मेरी अनजान अबोली बता तू कब आएगी -?
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