बुधवार, 23 जुलाई 2008

अबोली


वो तेरा सिमटना सकुचाना कभी हाथों को छूना कभी ठोकर लगा जाना पलकों को झुकाकर

दिल
को छू जाना
बंद
होठो से इकरार कर
मुझको
तडपाना
यही अदा जो मुझे सताएगी;
तुमने दिया नाम ना मैंने पूछा रिश्ता;
लेकिन मै जनता हूँ तू मिल पायेगी;
फ़िर भी तू हर लम्हा याद आयेगी;
मै इन्तजार में हु तेरे;
तू जब आएगी;
कहीं इश आश में;
उमर न गुजर जाए -;
लेकिन प्यार अँधा है;
अबोली बता तू कब आएगी !
तू कब आएगी
मेरी अनजान अबोली;
तू कब आएगी
पलकें बिछाए इन्तजार में;
जिंदगी की लम्बी आग में ;
मै ठहर गया चौराहे पर -
की शायाद तू आए और कहे;
लो मै गई ;
बाता तू कब आएगी ;
मै इन्जार में हु तेरे ;
तू जब आएगी ;
मेरी अनजान अबोली बता तू कब आएगी -?

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